।। त्रिभुज अन्तर्गत वृत का व्यास (Diameter of Incircle) ।।
भारतीय गणितज्ञ महावीरा (814 - 880 ई.) ने त्रिभुज के अन्तर्गत वृत के व्यास (Diameter) प्राप्त करने के पहली बार सूत्र प्रदान किए हैं —
परिधेः पादने भजेदनायतक्षेत्र-सूक्ष्मगणितं तत्।
क्षेत्राभ्यन्तरवृते विष्कम्भोऽयं विनिर्दिष्टः।।
(गणितसार-संग्रह, क्षेत्रगणित-वयवहार श्लोक 223½ )
अर्थात् —
आयताकार (Rectangular) से भिन्न त्रिभुज (Triangle) आदि आकार के सुक्ष्म या सर्वथा सही क्षेत्रफल को त्रिभुज के तीनों भुजाओं के योग (perimeter) के चतुर्थ अंश से विभाजित करने से उस त्रिभुज के अंतर्गत वर्तमान वृत का विष्कम्भ या व्यास (Diameter) का परिणाम प्राप्त होता है।
इससे हमें यह सूत्र प्राप्त होता है —
त्रिभुजान्तर्गत वृत का व्यास = (त्रिभुज का क्षेत्रफल × 4) / भुजाओं का योग
उदाहरण :-
एक त्रिभुज की भुजाएं 3 सेमी. 4 सेमी. तथा 5 सेमी. तो इस त्रिभुज के अन्तर्गत व्यास की माप बतायें।
त्रिभुज की भुजाएं 3 सेमी. 4 सेमी. तथा 5 सेमी. है अतः स्पष्ट है कि त्रिभुज "समकोण त्रिभुज" है।
अतः क्षेत्रफल = ½ × आधार × ऊँचाई
= ½ × 4 × 3
= 6 सेमी.²
त्रिभुज का परिमाप = (3 + 4 + 5) सेमी.
= 12 सेमी.
सूत्रानुसार वृत का व्यास = (6 × 4) ÷ 12
= 2 सेमी.