।। गाय - जल-संरक्षण।।
प्रायः #गाय के जो भी चित्र देखे जाते हैं चाहें वो किसी भी प्रांत के हों, लगभग सभी में #गऊमाता के #खुरों के पास अर्थात चरणों में #जल या उस प्रांत की नदियां रहती हैं। ऐसा क्यूँ है इस रहस्य को जानने की उत्सुकता हेतु देश में कुछ शोध कराये गए जिनसे निम्नलिखित तथ्य उजागर हुए।
#गाय के खुरों में जल के स्तर को ऊपर खींचने की एक अद्भुत शक्ति है, जिन-जिन स्थानों में #गऊमाता विचरण करती है वहाँ भूमि के नीचे जल का स्तर अधिकांशतः ऊपर ही रहता है।
#गऊमाता जहाँ भी #गोबर व #गौमूत्र का त्याग करती है, व उसका मिश्रण जब बारिश के पानी के साथ भूमि के नीचे जाता है तो इस मिश्रण की अद्भुत शक्ति से जल का स्तर ऊपर आता जाता है।
एक अनुमान के अनुसार प्रत्यक्ष आज़ादी से पूर्व तक प्रत्येक गांव में लगभग 1500 से 1800 तक गाय थीं और उस समय प्रत्येक गांव के जल का स्तर भी लगभग 15-18 फुट पे ही था। अर्थात #गऊमाता हमारे जल के संचय का भी आधार हैं।